हेलो बुकनर्ड्स!!
किताबों की बात करें तो सभी के मन में अपनी पसंदीदा किताब की एक तस्वीर जरूर उभरती है। किताबें दोस्त हैं, हमसफर हैं, एक ऐसा साथी जो आपके मन को सुकून देने के लिए हमेशा तैयार रहता है। सपने देखने का जरिया हैं किताबें, बैठे बैठे दुनिया को जान लेने का रास्ता हैं किताबें। ऐसे में हमें किताबों की आलमारी में कुछ नया जोड़ने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।
इस बार हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ नई किताबों की लिस्ट जिन्हें आप अपनी आलमारी में जगह दे सकते हैं।
1. यार पापा
दिव्य प्रकाश दुबे की नई किताब यार पापा अभी कुछ दिनों पहले ही आई है और यह कहानी है नामी वकील मनोज साल्वे और उसकी बेटी साशा की। मनोज के बारे में कहा जाता था कि पिछले कुछ सालों में कोई भी उससे बड़ा वकील नहीं हुआ। ऐसे में जब लग रहा था कि मनोज के साथ कुछ ग़लत नहीं हो सकता है, ख़बर आती है कि मनोज की लॉ की डिग्री फ़ेक है। इस ख़बर को वह झुठला नहीं पाता। वो आदमी जो हर केस जीत सकता था, वह अपनी बेटी की नज़र में क्यों सबसे बुरा इंसान था? ऐसा क्या था कि उसकी बेटी साशा उससे बात नहीं कर रही थी? क्या मनोज अपनी पर्सनल लाइफ़, अपने करियर को फिर से पटरी पर ला पाएगा?
2. सिमसिम
गीत चतुर्वेदी का उपन्यास ‘सिमसिम’ उन कम किताबों में शामिल है, जो भारत के विभाजन को एक सिंधी भुक्तभोगी की संवेदनशील निगाहों से देखती है। सिमसिम’ के चरित्र हमारे आसपास के साधारण लोग हैं, लेकिन वे अपनी उपस्थिति में यादगार और असर में मार्मिक हैं। अपने समूचे प्रभाव में ‘सिमसिम’ कई किरदारों द्वारा बजाई गई सिम्फ़नी है, स्मृति की रेत पर गद्य की टहनी से उकेरी गई कविता है। पाकिस्तान से भारत आए सिंधी हिन्दुओं की त्रासदी जैसे अनछुए विषय को विचारोत्तेजक, प्रयोगधर्मी और ग़ैर-पारंपरिक शैली में लिखना, उपन्यास के क्षेत्र में एक नई ज़मीन तोड़ने जैसा है।
3. ऊपर के गांव का रहस्य
नेहा बहुगुणा का बच्चों के लिए पहला उपन्यास नौ साल की लड़की गोपू की कहानी है। वह हर किसी और हर चीज़ के बारे में जानना चाहती है, पास या दूर! उसकी नाक से एक रहस्य की गंध आती है। इसका कारण वार्षिक ग्रामीण रामलीला को बंद करना है। उसे जानना है कि इसे क्यों रोका गया? उन सभी को रामलीला देखने के लिए पहाड़ियों पर चढ़कर दूसरे गाँव में क्यों जाना पड़ता है? वयस्क इस विषय को लेकर बहुत उत्सुक नहीं हैं, आप अनुमान लगा सकते हैं कि विषय को 'बच्चों के लिए नहीं' का लेबल दिया गया है! लेकिन वे गोपू की पूछताछ तकनीकों के अभ्यस्त नहीं हैं! एक आकर्षक रहस्यमय उपन्यास जो बच्चों के सोचने और तर्क करने के तरीके को उजागर करता है, साथ ही तरीके को उजागर करता है जिसमें वयस्क बाल जिज्ञासाओं का उत्तर देते हैं। सुस्नाता पॉल के चित्र आपको उत्तराखंड की पहाड़ियों पर जीवन का शिखर दिखाते हैं। उनके किरदार इतने अभिव्यंजक हैं कि आपको दृश्य का एक हिस्सा महसूस कराते हैं।
4. पतझड़
मानव कौल का पांचवां उपन्यास है ‘पतझड़’। जाड़े के मौसम में पतझड़ से अनूठा क्या ही हो सकता है? मानव कौल का लेखन एक ही समय में सरल और जटिल दोनों ही है। “पतझड़” उपन्यास की
कहानी में है एक मुसाफिर जो हर विपरीत परिस्थिति से भागने की कोशिश कर रहा है। कहानी है कई सुंदर शहरों की, munch के पेंटिंग्स में छिपे हुए ज़िंदगी के रंगों की की, पतझड़ के मौसम की। कहानी है प्रेम, पीड़ा और अकेलेपन की और एक ऐसे इंसान की जो पतझड़ और पेंटिंग्स में जीवन के नए पहलू की तलाश में है।